| 物种 | 黄精 |
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| 门类 | 中药材·《本草害利》·脾部药队 补脾 猛将 |
| 中文名 | 黄精 |
| 拉丁名 | |
| 英文名 | |
| 别名 | |
| 界 | 植物界、动物界、其它 |
| 门 | |
| 纲 | |
| 目 | |
| 科 | |
| 属 | |
| 种 | |
| 分布区域 | |
| 命名者及年代 | 凌奂·清(公元1644-1911年) |
| 保护级别 | |
| 备注 | 黄精·《本草害利》·凌奂 |
| 更多 | 《本草害利》清(公元1644-1911年) 凌奂 著 |

〔害〕生用,则刺人咽喉。
〔利〕甘平,入脾,补中益气,安五脏,润心肺,填精髓,助筋骨,除风湿,杀下三尸虫。
似玉竹而稍大,故俗呼玉竹黄精。又一种似白芨,俗呼白芨黄精,又名山生姜,则恐非真者。溪水洗净,九蒸九晒用。






















